Monday, January 26, 2009

मराठी लादेन और भाड़े के टट्टू

अगर आज ओसामा बिन लादेन का नाम कही पर याद किया जाता है तो आतंकवाद शब्द अपने आप अपने आप वहा पर जुड़ जाता है. हम सबको पता है कि आतंकवाद और ओसामा बिन लादेन का चोली दामन का साथ है, बिना आतंकवाद के न तो लादेन को याद किया जाएगा और न लादेन के बिना आतंकवाद. पूरा विश्वास लादेन के केवल नाम लेने से ही काँप जाता है. चलो छोडो मैं आज विश्वब्यापी लादेन की बात नही करता हूँ, मैं एक भारतवासी हूँ तो आज भारत के लादेन की बात करता हूँ.

आज सबसे पहले शुरुआत करूँगा मराठी लादेन और उसके भाड़े के टटौं की. आप लोग मेरा इशारा समझ ही गए होंगे, मैं किस उभरते लादेन की बात कर रहा हूँ, हाँ दोस्तों आपने ठीक पहिचाना मैं बात कर रहा हूँ महाराष्ट्र के उभरते हुए लादेन मान्यवर श्री राज ठाकरे जी का. आप लोग थोड़ा सा संकित हो रहे होंगे कि मैं राज ठाकरे जी को लादेन की उप संज्ञा के साथ साथ मान्यवर शब्द का भी प्रयोग कर रहा हूँ, वो इसलिए कि लादेन के साथ साथ वो एक राजनेता भी है और राजनेता का थोड़ा बहुत मान सम्मान भी तो होना चाहिए.

विस्तार में न जाकर मैं सीधे अपने मुख्या विन्दु पर आना चाहता हूँ. मराठी लादेन जी आज हमारा देश, हमारी जनता लोगों को जोड़ने की बात करती है, आपसी भाई चारा बढाने पर जोर दे रही है, विश्व बंधुत्व और वासुदेव कुटुम्बकम की जीवन शैली अपनाने पर जोर दे रही है और आप हमारे इस भाई चारे को तोड़ना चाहते हो? आप हो कोन? किस अधिकार से आप जाति वाद, भाषा वाद के आधार पर हमारे समाज को बाटना चाहते हो? किस आधार पर आप मासूम और निर्दोष लोगों का खून बहा रहे हो ? पहले आप अपना परिचय तो बताईये? आप हो कोन ? क्या आप एक राजनेता हो? अगर हाँ तो क्या आपको राजनेता की परिभाषा आती है? क्या आप एक समाज सुधारक हो? अगर हाँ तो क्या आपको समाज और सुधारक शब्द का अर्थ पता है? क्या आप आप एक सच्चे मराठी हो? यदि हाँ तो क्या आपको मराठी शब्द और इसका इतिहास मालूम है? नही राज ठाकरे जी आप में इनमे से न किसी का अर्थ जानते है और न इनमे से कोई भी गुण आप में विद्यमान है, तो आप हो कोन? अब मेरे पास केवल एक ही उत्तर है वो है आतंकवादी, सफ़ेद पोश आतंकवादी.

मुझे तो तरश आ रहा है अपने इस हिन्दुस्तान पर. हमारा ये हिन्दुस्तान किन किन आतंकवादियों से लडेगा. किन किन का सामना करेगा. विदेशी आतंकवादियों के हम हमेशा से ही निशाने पर रहे है लेकिन अब तो हमें स्वदेशी आतंकवादियों से भी जूझना पड़ रहा है, जो कि अपने ही लोगों के खून के प्यासे बने हुए है. कोई धर्म की आड़ में आतंकवाद फैला रहा तो कोई राजनीति की आड़ में आतंकवाद.

राजठाकरे जी आप कहते हो कि आपको अपने महाराष्ट्र की बहुत चिंता है, यहाँ के लोगों की बहुत चिंता है, लेकिन क्या आपने कभी अपने उन लोगों से जाकर पूछा कि वो क्या चाहते है, जो आप उनके नाम पर गुंडा गर्दी कर रहे है , क्या वो इससे खुश है कि नही? क्या आपको अपनी राजनीति करने का बस यही रास्ता मिला? अरे जरा बाहर सड़कों पर पैदल निकल देखिये, किसी गरीब की झोपडी में जाकर देखिये, किसी बुजुर्ग दम्पति के पास २ मिनट का समय ब्यतीत कर देखिये, किसी विकलांग का हाथ पकड़ कर देखिये, किसी बीमार ब्यक्ति से उसका हाल चाल पूछकर देखिये, तब आपको पता चलेगा की आपका मराठा प्रेम कितना सच्चा और कितना झूठा है. अरे आलिशान महलों सोने वाले और चांदी के बर्तनों में खाने वाले भला कैसे जानेंगे कि फुटपाथ पर सोना कितना कष्टदायी होता है.

राज ठाकरे जी की पार्टी /सेना जिसका नाम शायद कुछ इस प्रकार से है "नव निर्माण", शायद कुछ इसी प्रकार से है, लेकिन अफ़सोस की बात है कि पार्टी/सेना कुछ निर्माण कार्य न करने के बजाय विनाश का काम कर रही है. देश को तोड़ने का काम, भाई चारा तोड़ने का काम, समाज को बाटने का काम. इस पार्टी /सेना पर तो ये सूक्ति भी ठीक से लागू नही होती "जतो नाम तथो गुण:" . अफ़सोस होता है ऐसे कर्याकर्तों को देखकर जो बिना सोचे समझे किसी के बहकावे में आकर कुछ भी कर जाते है. मैं इनको एक सच्चा कार्यकर्ता न कह कर भाड़े का टट्टू ही कहूँगा, क्योंकि एक सामाजिक कार्य करता वो होता है जो अपनी बुधि और विवेक के बल पर किसी कार्य को प्रोत्साहित और कार्यन्वित करता है. मैं इन भाड़े के टटौं से पूछना चाहता हूँ कि क्या कभी ख़ुद राज ठाकरे आप लोगों के साथ किसी हिंसक गतिविधि में शामिल हुए? क्या कभी उन्होंने किसी गैर मराठी को ख़ुद पत्थर और तमांचे मारे, किसी कि टैक्सी के शीशे तोडे, किसी की झुग्गी झोपडी थोडी, उत्तर है नही क्योंकि उसके पास १००-२०० रूपये में बिकने वाले भाडू के टट्टू बहुत आसानी से मिल जाते है. क्षमा करना दोस्तों भाषा कुछ अशिष्ट लग रही है, लेकिन अपने दिल के उदगार को ब्यक्त करने के लिए इन शब्दों का प्रयोग बहुत जरूरी है.

यदि मेरे ये शब्द मराठी लादेन और उसके भाड़े के टटौं तक पहुच रही है तो मेरी उनसे विनर्म प्रार्थना है कि बंद करो अपनी ये गुंडा गर्दी, देश और समाज को बाटने की गन्दी राजनीति, बंद करो भाषा और जाति धर्म के नाम पर हिंसा. क्योंकि हिन्दुस्तान एक प्रजातंत्र राष्ट है और यहाँ हर किसी को भारतीय सविधान के अनुसार जीने और बोलने का अधिकार है. देश से बड़ा कोई धर्म नही है, पहले हम हिन्दुस्तानी है और फ़िर मराठी, गुजराती, पंजाबी, पहाडी....और गैर मराठी.

मिस्टर लादेन जी दिल में तो बहुत कुछ है कहने के लिए लेकिन समय की कमी है. मैं न तो कोई राजनेता हूँ, न कोई समाज सुधारक और न कोई विद्वान कवि-लेखक. लेकिन चलते चलते आपको एक नसीहत जरूर देना चाहता हूँ यदि आपको सच में एक अच्छा राजनेता बनना है, समाज की सेवा करनी है तो महात्मा गाँधी, स्वामी विवेकानंद, सरदार बल्लभ भाई पटेल आदि ऐतिहासिक पुरुषों को अपना आदर्श बनाईये न कि ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी को.

चलते चलते इन दो पंक्तियों के साथ आपके, आपकी नव निर्माण सेना और सम्पूर्ण भारतवाशियों की शुभ मंगल कामना करता हूँ.


सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामय:
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, माँ कश्चिद् दुःख भाग भवेत्